प्रयागराज जंक्शन पर लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या की वजह से यात्रियों को होने वाली समस्याओं को देखते हुए नई दिल्ली की तर्ज पर प्रयागराज जंक्शन पर भी यात्रियों के एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए स्काईवॉक की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। फिलहाल स्काईवॉक के लिए निर्माण कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है इसलिए इस परियोजना के पूरा होने के समय का ठीक ठीक अंदाजा लगा पाना बहुत ही मुश्किल है। 557 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े स्काईवॉक का निर्माण तीन चरणों में किया होना है जिस पर कुल 25 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

इस परियोजना में निर्माण कार्य की गति धीमी होने की वजह से निर्माण कार्य में देरी होने के साथ-साथ इस पर अतिरिक्त धन भी खर्च करना पड़ेगा। स्काईवॉक तैयार हो जाने के बाद इसके माध्यम से सभी फुट ओवर ब्रिज एक दूसरे से जुड़ जाएंगे जिससे यात्री आसानी से अपने अपने प्लेटफार्म पर पहुंच जाएंगे। विशेष रूप से इस सुविधा का लाभ महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को होगा इसके अलावा स्काईवॉक उपलब्ध होने से फुट ओवर ब्रिज और प्लेटफार्म पर भीड़ को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।
ब्रिज के सहारे एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने में यात्रियों को काफी दिक्कत होती है; स्काईवॉक बन जाने के बाद यात्रियों के लिए एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाना बहुत ही आसान हो जाएगा। प्रयागराज जंक्शन के अलावा उत्तर प्रदेश के जिन बड़े स्टेशनों पर अभी तक स्काईवॉक की सुविधा नहीं उपलब्ध है यात्रियों की सुविधाओं के लिए उन स्टेशनों पर भी बहुत जल्द स्काईवॉक मुहैया कराया जाएगा।