कानपुर को बड़ा तोहफा, आउटर रिंग रोड के निर्माण पर खर्च होंगे 10 हजार करोड़ रुपए, जानिए क्या है खास

उत्तर प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. इस कड़ी में कानपुर को बड़ा तोहफा मिला है. 10 हजार करोड़ खर्च करके कानपुर आउटर रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा. अब आउटर रिंग रोड के निर्माण में आ रही आर्थिक दिक्कत का समाधान हो गया है. एनएचएआई ने बजट का पूरा ख्याल रखा है और हजारों करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया है. एनएचएआई का कहना है कि 3400 करोड़ रुपए जमीन अधिग्रहण में खर्च किए जाएंगे, ताकि किसानों को उनकी जमीन का पूरा और पर्याप्त मुआवजा मिल सके. इसके अलावा 6600 करोड़ रुपए से रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा. इस ऐलान से कानपुर के लोग काफी खुश हैं.

4 फेज में होगा रिंग रोड का निर्माण-
कानपुर आउटर रिंग रोड का निर्माण 4 फेज में किया जाएगा. पहले फेज में मंधना से सचेंडी तक और दूसरे फेज में सचेंडी से रमईपुर-रूमा तक रोड का निर्माण होगा. जबकि तीसरे चरण में मंधना से आटा उन्नाव और चौथे चरण में आटा से रूमा तक के लिए रिंग रोड का निर्माण होगा. ये रिंग रोड 93.2 किलोमीटर लंबा होगा. रिंग रोड के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का गजट होने के साथ ही एलाइनमेंट भी तय कर दिया गया है. इसके निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. सबसे पहले मंधना से सचेंडी और सचेंडी से रमईपुर-रूमा तक के रोड के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है. जब दो चरणों की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो तीसरे और चौथे चरण के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

रिंग रोड में क्या होगा खास-
कानपुर आउटर रिंग रोड के लिए 560 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. रिंग रोड का 62 किलोमीटर का हिस्सा कानपुर नगर, उन्नाव में 27.2 किलोमीटर हिस्सा और देहात में 4 किलोमीटर हिस्से का निर्माण होगा. इस दौरान हाईटेंशन लाइन जैसे यूटिलिटी शिफ्टिंग में 350 करोड़ खर्च होंगे. इसके अलावा मंधना-गंगा बैराज की ओर 3.5 किलोमीटर का गंगा पुल का निर्माण होगा.जबकि रूमा-उन्नाव की ओर गंगा पर 1.9 किलोमीटर के पुल का निर्माण होगा. आउटर रिंग रोड पर 9 अंडरपास का निर्माण भी होगा.

NHAI ने जमीन मालिकों को दी चेतावनी-
जब रिंड रोड निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई तो जमीन मालिकों ने नया खेल शुरू कर दिया. 30 से ज्यादा जमीन मालिकों ने मुआवजे के लिए नया तरीका निकाला. उन लोगों ने अपनी जमीनों पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया, ताकि ज्यादा से ज्यादा मुआवजा लिया जा सके. लेकिन एनएचएआई ने इसको लेकर नोटिस जारी कर दिया है और कहा है कि सिर्फ जमीन का मुआवजा मिलेगा. उसपर किसी तरह से निर्माण का कोई मुआवजा नहीं मिलेगा. इसके लिए एनएचएआई ने निर्माणधीन भवनों की ड्रोन वीडियोग्राफी कराई है.

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